Medical Store Busniess 2023:दवाई की दुकान इस तरीका से खोलें और कमाए लाखों में

Medical Store Busniess 2023:दवाई की दुकान इस तरीका से खोलें और कमाए लाखों में

Medical Store Busniess 2023

भारत में चिकित्सा क्षेत्र का विकास अभूतपूर्व है स्वास्थ्य सेवा उद्योग पिछले एक दशक से भी अधिक समय में लगातार दोहरी अंग से बढ़ रहा है

भारत का फार्मास्यूटिकल बाजार जिसमें फॉर्मूलेशन और डायग्नोस्टिक के साथ बल्क ड्रग शामिल है 2021 में $42 बिलियन होने का अनुमान है और 2024 तक $65 बिलियन तक पहुंचाने का संभावना है भारत में फार्मेसी वेबसाइट शुरू करना रोमांचक आकर्षक है इस वेबसाइट में अच्छे लाभ की भी संभावना होती है और ऐसे में अगर आप एक बिजनेस शुरू करना चाहते हो तो आप एक छोटी दवा की दुकान शुरू करने का योजना बना सकते हो।

कैसे शुरू करें मेडिकल स्टोर

किसी भी आर्थिक चक्र से ज्यादातर अब प्रभावित यह व्यवसाय है चाहे कोई भी स्थिति हो स्वस्थ व्यक्ति के जीवन का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है

भारत में स्वास्थ्य व्यवसाय अच्छे से फल फूल रहा है इसका शेयर ए मल्टिस स्पेशलिस्ट अस्पतालों को जाता है स्टेटस और ऐसे व्यक्ति के लिए जिनके पास निवेश करने के लिए कम पैसे हैं लेकिन केवल स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में निवेश करना चाहते हैं तो वह मेडिकल स्टोर में निवेश करके अपना खुद का एक मेडिकल स्टोर खोल सकते हैं यह एक बहुत अच्छा विकल्प है आज के समय में

मेडिकल स्टोर खोलना जितना आसान है यह उतना ही जिम्मेदारी वाला काम है क्योंकि एक व्यक्ति की जीवन एक मेडिकल स्टोर पर ही है एक छोटी सी गलती अपने ग्राहक को बड़े खर्चा उठाने पर मजबूर कर सकती है यही कारण है कि मेडिकल स्टोर्स को दवा बेचने से पहले सभी कानूनी और प्रक्रियाओं को पूरा करना आवश्यक है

मेडिकल स्टोर खोलने की प्रक्रिया

दावों की बिक्री शुरू करने से पहले सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आपका दुकान या फार्मेसी किया है इस बात पर निर्भर करती है कि आपकी दुकान किस स्थान पर है उस स्थान पर कितने डॉक्टर मौजूद हैं जनसंख्या कितनी है पहले से मौजूद केमिस्ट की दुकान की संख्या क्या है।

स्थान के साथ-साथ आपके दुकान को न्यूनतम आवश्यकता को पूरा करना चाहिए जैसे की आवश्यक सीमेंट का फर्श और दीवारें कंक्रीट की छत आदि यदि आप फार्मासिस्ट हो तो आपको किसी अन्य व्यक्ति की जरूरत नहीं है लेकिन आपके पास अगर यह फार्मासिस्ट रजिस्ट्रेशन का लाइसेंस नहीं है तो आपको किसी एक व्यक्ति को रखना होगा जिसके पास यह रजिस्ट्रेशन हो।

मेडिकल स्टोर के प्रकार

  1. हॉस्पिटल मेडिकल स्टोर: यह मेडिकल स्टोर अस्पताल परिसर के अंदर ही होता है जिस मरीज की जरूरत को पूरा करने के लिए अस्पताल के अंदर ही खोला जाता है।
  2. स्टैंड अलोन मेडिकल स्टोर: एक छोटा मेडिकल स्टोर जो की आवश्यक क्षेत्र में मौजूद हो।
  3. चैन फार्मेसी या फ्रेंचाइजी आउटलेट: वह मेडिकल स्टोर जिनकी शाखाएं बहुत सारे जगह पर है आमतौर पर या एक बहुत बड़ी दुकान होती है जो सिर्फ एक कंपनी की ही दवाइयां बेचा करती है।
  4. टाउनशिप मेडिकल स्टोर: लोगों की ज़रूरतें पूरी करने के लिए मेडिकल स्टोर एक टाउनशिप में स्थापित किया जाता है।
  5. सरकारी परिसर में स्टोर: सरकारी कार्यालय या भवन के अंदर मेडिकल स्टोर या डिस्पेंसरी

मेडिकल स्टोर खोलने में लागत

मेडिकल स्टोर खोलने में लागत इस बात पर निर्भर करता है कि आपका स्टोर का स्थान क्षेत्र शहर आदि कैसा है और कहां है फार्मेसी आउटलेट या केमिस्ट की दुकान शुरू करने के लिए एक दुकान की आवश्यकता होती है यह दुकान किराए पर लिया जा सकता है या फिर खुद का भी हो सकता है लेकिन शुरुआती समय में अगर आप एक स्टार्टअप कर रहे हो तो दुकान किराए पर लेना सबसे अच्छा विकल्प है।

स्थान और क्षेत्र के हिसाब से किराया और लागत बदल सकती है मान लीजिए किराया 10000 प्रति माह है फार्मासिस्ट का वेतन भी जग-जग बदलता रहता है हम इस नए उम्मीदवार के लिए 12000 प्रतिमा माह लेते है

बाकी का निवेश आपके द्वारा खरीदे जाने वाले स्टॉक और आपके द्वारा खरीदी गई दवाई की लागत के अनुसार भिन्न होती है अधिकतर व्यवसाय या होलसेलर से क्रेडिट पर दवाइयां लिया करते हैं।

मेडिकल स्टोर के लिए लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन

केमिस्ट की दुकान के रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन करने वाले को निम्नलिखित आवश्यकताओं को पूरा करना होगा

  1. फार्मेसी लाइसेंस: यह लाइसेंस प्राप्त करने के लिए व्यक्ति के पास बी फार्मा या एम फार्मा का डिग्री होना चाहिए
  2. लैंड रजिस्ट्रेशन: लैंड रजिस्ट्रेशन करने से पहले यह तय करना होगा की दुकान का मालिक दुकान खरीदना चाहता है या फिर किराए पर जाना जाता है रेंट या सेल डीड समझौता महत्वपूर्ण है और आप इसके लिए कहानी सहायता चुन सकते हैं
  3. मेडिकल स्टोर का रजिस्ट्रेशन: इस देश में मेडिकल स्टोर भारतीय फार्मेसी अधिनियम 1948 के तहत रजिस्टर्ड है इसके तहत दिया गया है कि मेडिकल स्टोर और फार्मेसी को राज्य सरकार के तहत सभी डॉक्यूमेंट के साथ खुद को रजिस्टर करना होगा डॉक्यूमेंट जमा करने के बाद अधिकारी मानदंड के अनुसार रजिस्ट्रेशन का फैसला करेगा
  4. कंपनी रजिस्ट्रेशन: आप अपनी वेबसाइट को कैसे संचालित करना चाहते हैं इस पर निर्भर करते हुए अपनी वेबसाइट को पहले दिन ही पार्टनरशिप या प्राइवेट डाइजेशन या पूर्व कंपनी के रूप से रजिस्टर कर सकते हैं निम्नलिखित उपलब्ध विकल्प हैं
  • प्रोपराइटरशिप रजिस्ट्रेशन
  • पार्टनरशिप रजिस्ट्रेशन
  • एक व्यक्ति कंपनी रजिस्ट्रेशन
  • प्राइवेट लिमिटेड कंपनी
  • लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप
  1. टैक्स रजिस्ट्रेशन: यह काम शुरू करने से पहले आपको जीएसटी रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य है
  2. ड्रग लाइसेंस के लिए रजिस्ट्रेशन: सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल आर्गेनाइजेशन और स्टेट ड्रग स्टैंडर्ड कंट्रोल आर्गेनाइजेशन से दवा लाइसेंस प्राप्त करने की आवश्यकता होती है

इन संगठनों के द्वारा दो रूप के ड्रग लाइसेंस जारी होते हैं

  1. रिटेल ड्रग लाइसेंस: योर ड्रग लाइसेंस के लिए सिर्फ वही केमिस्ट अप्लाई कर सकते हैं जिन्हें मेडिकल शॉप चलाना होता है इसे पाने के लिए एक शुल्क जमा करनी होती है।
  2. होलसेल ड्रग लाइसेंस: योर लाइसेंस के लिए वही अप्लाई करते हैं जिन्हें दवाइयां की होलसेल करनी होती है।

ड्रग लाइसेंस प्राप्त करने के लिए आवश्यक डॉक्यूमेंट क्या है:

  1. फॉर्म नंबर
  2. चालान रुपए 3000
  3. मालिक की शैक्षिक प्रमाण पत्र
  4. प्रोपराइटर के पहचान ब्रह्मांड की सेल्फ अपडेट कॉपी
  5. रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट का शपथ पत्र
  6. रजिस्टर्ड फार्मेसी की शैक्षिक प्रमाण पत्र
  7. रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट की पहचान प्रमाण पत्र
  8. निर्धारित फॉर्मेट में एप्लीकेशन फॉर्म
  9. आवेदक के नाम और पदनाम के विवरण के साथ आवेदन के साथ एक विविधित्व हस्ताक्षरित्र कवर लेटर
  10. रजिस्ट्रेशन के लिए जमा की गई शुल्क रसीद या चालान
  11. परिसर की ब्लूप्रिंट
  12. रजिस्टर फार्मासिस्ट या समान रूप से सक्षम व्यक्ति का शपथ पत्र
  13. परिसर के स्वामित्व का प्रमाण
  14. व्यापार गठन और रजिस्ट्रेशन का प्रमाण
  15. ड्रग एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट 1940 के तहत प्रोपराइटर या पार्टनर या डायरेक्ट के गैर दोषी का हलफनामा
  16. एक रजिस्टर फार्मासिस्ट या किसी सक्षम व्यक्ति के नियुक्ति पत्र

मेडिकल स्टोर व्यापार से लाभ

मेडिकल स्टोर का प्रॉफिट मार्जिन 5% से 30% तक होता है प्रत्येक प्रकार के उत्पाद के लिए अलग-अलग मार्जिन है जैसे ट्रेड उत्पादन के लिए लाभ मार्जिन जेनेरिक दवाएं ओटीसी दवाएं ब्रांडेड दवाई के उत्पाद।

जेनेरिक दावों की बिक्री से लगभग 20 से 50% तक का लाभ हो सकता है जबकि ब्रांड नाम वाली दावों से 16 से 22% लाभ हो सकता है।

 

 

 

 

 

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